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संस्कृतस्य नवोदयः

 

संस्कृत भारतीय संस्कृति की प्राणस्वरूपा, भारतीय धर्म-दर्शन आदि का प्रसार करने वाली, विश्व की सभी भाषाओं में प्राचीनतम मानी गई है। संस्कृत देव भाषा के साथ-साथ प्रायः सभी भारतीय भाषाओं तथा विश्व की अनेक भाषाओं की जननी भी है। सम्पूर्ण वैदिक साहित्य, पुराण, स्मृतिग्रन्थ, दर्शन तथा धर्मग्रन्थ संस्कृत भाषा में ही उपलब्ध होकर इसके गौरव को बढ़ाते हैं,जो भारतीय सभ्यता, भारतीय संस्कृति की रक्षा करने में पूर्णतः सहायक है । 'सर्वे भवन्तु सुखिनः', 'वसुधैव कुटुम्बकम्' आदि उदात्त भावनाओं से बच्चों के चरित्र का निर्माण होता है । संस्कृत साहित्य में ऐसे नैतिक मूल्यों से युक्त श्लोकों की भरमार है; जिनका अध्ययन कर छात्र-छात्राएँ न केवल अपनी भारतीय संस्कृति से गौरवान्वित होकर वर्तमान में व्यवहारशील बनेंगे, अपितु भविष्य के प्रति भी उल्लासित होंगे।

संस्कृत के गौरवशाली महत्त्व को स्वीकार करते हुए तथा इसे सम्मानित स्थान प्रदान करते हुए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020' में शिक्षाक्षेत्र के सभी स्तरों पर संस्कृत को जीवन जीने की मुख्य धारा में शामिल कर अपनाने पर बल दिया गया है ।

अतः संस्कृत को जीवंत बनाए रखने, अधिक से अधिक छात्रों को संस्कृत से जोड़ने तथा उनमें संस्कृत शिक्षा के प्रति लगाव बढ़ाने के उद्देश्य से अध्यापकवर्ग द्वारा निर्मित विविध वीडियो के माध्यम से बाल भारती की सभी शाखाओं में विद्यार्थियों को प्रतिदिन ऑनलाइन शिक्षण के समय शुद्ध उच्चारण व लय सहित सरल एवं लोकप्रिय संस्कृत श्लोक सिखाए जा रहे हैं |

 Sanskrit is considered to be the oldest of all the languages ​​of the world, spreading the life form of Indian culture and Indian religion-philosophy etc.

Sanskrit is considered to be a divine language and also the mother of almost all Indian languages ​​and many other languages ​​of the world. Entire Vedic literature, Puranas, Smritis, Philosophy and the Scriptures increase its glory by being available in Sanskrit language, which is completely helpful in protecting Indian civilization, Indian culture and its ethos. A child's character is formed by lofty precepts like 'Sarve Bhavantu Sukhinah', 'Vasudhaiva Kutumbakam' etc. Sanskrit literature is full of shlokas containing such moral values. By imbibing them, students will not only be proud of their Indian culture and become practical in the present but, will also be excited about all that the future sets store for them.

 

Recognizing the invaluable nature of the language and giving it a place of importance, the new National Education Policy-2020 has emphasized on adopting Sanskrit in the mainstream of life at all levels of education. Therefore, to connect more and more students with Sanskrit and to increase their attachment towards Sanskrit education, students in all branches of Bal Bharati, are being taught simple and popular Sanskrit shlokas with rhythm and correct pronunciation every day, during online teaching, using various videos made by the teachers.

“Dharmo Rakshito Rakshita “... those who keep their faith strong during trying times are blessed with their faith carrying them through these times.

In this crisis, we pray for God’s mercy and healing for the sick and for the health and strength for all who care for them.