Happy Raksha Bandhan
है ये कच्चे धागों का बंधन
टूटकर भी कभी नहीं टूट पाएगा
बँधेगी राखियाँ सूनी कलाई पर
और तिलक माथे पर सज जाएगा
है ये बंधन एक विश्वास का
जो ज़िंदगी भर साथ निभाएगा
Wishing you a very happy Raksha Bandhan
This is a bond of fragile threads
Even if it breaks, it will never break
Rakhis will be tied on the empty wrist
And Tilak will adorn the forehead
This is a bond of trust
Which will stay with you for life
Wishing you a very happy Raksha Bandhan
संस्कृत दिवस 19 अगस्त 2024
अमृतं संस्कृतं मित्र सरसं सरलं वचः।
एकतामूलकं राष्ट्रे ज्ञानविज्ञान पोषकम्।।
संस्कृत दिवस को मनाने के लिए श्रावण पूर्णिमा का दिन इसलिए चुना गया है क्योंकि प्राचीनकाल में इसी दिन से शिक्षण सत्र आरम्भ किया जाता था। संस्कृत के बारे में कुछ ऐसे तथ्य हैं, जिन्हे जानकर हर भारतीय गौरवान्वित अनुभव करता है। संस्कृत को प्रायः सभी भाषाओं की जननी माना गया है। संस्कृत विश्व की सर्वाधिक पूर्ण एवं तर्कसम्मत भाषा होने के साथ-साथ स्पीच थैरेपी में भी मददगार है| नासा ने संस्कृत को कंप्यूटर तथा अंतरिक्ष में संदेश भेजने के लिए सर्वाधिक उपयुक्त भाषा माना है| संस्कृत भाषा हमारी वैभवशाली संस्कृति का एक सुनहरा अंग है। इस भाषा को देववाणी के समान प्रतिष्ठित माना गया है। कर्णप्रिय ध्वनि तथा वैभवशाली शब्दों का समागम संस्कृत भाषा को भारत में ही नहीं, अपितु विश्व भर में इसे प्रतिष्ठित बनाता है| यह दुख की बात है कि आज हमारे बीच इसका प्रसार कम होता जा रहा है। संस्कृत के प्रचार व प्रसार के लिए हमें अपना उचित योगदान देना चाहिए ताकि देववाणी संस्कृत भाषा का अस्तित्व सदैव बना रहे|
तो आईए हम यह संकल्प लेते हैं कि संस्कृत का प्रचार प्रसार करेंगे तथा जन-जन तक इसकी प्रासंगिकता को पहुंचाएंगे|
‘जयतु संस्कृतम्, जयतु भारतम्’
Sanskrit Day 19 August 2024
Amritam Sanskritam Mitra Sarasam Saralam Vachah.
Ekatamulkam Rashtrae Gyan Vigyan Poshakam.
The day of Shravan Purnima has been chosen to celebrate Sanskrit Day because in ancient times the teaching session used to start from this day. There are some facts about Sanskrit, knowing which every Indian feels proud. Sanskrit is considered to be the mother of almost all languages. Sanskrit is the most complete and logical language in the world as well as helpful in speech therapy. NASA has considered Sanskrit to be the most suitable language for sending messages in computers and space. Sanskrit language is a golden part of our glorious culture. This language is considered as prestigious as Devvani. The confluence of melodious sounds and magnificent words makes Sanskrit language prestigious not only in India but all over the world. It is sad that today its spread among us is decreasing. We should give our due contribution for the promotion and propagation of Sanskrit so that the existence of the divine language Sanskrit remains forever.
So let us take a pledge that we will propagate Sanskrit and spread its relevance to every person.
‘Jaya Sanskritam, Jayatu Bharatam’
SANSKRIT DIWAS REPORT (2024-25)